डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के अनुसार लकड़ी तेल, परमाणु और हरित स्रोतों के बाद ऊर्ज़ा दक्षता पाँचवाँ ईंधन है| आज सम्पूर्ण विश्व में ऊर्ज़ा दक्षता के प्रति जागरुकता बढ रही है क्योंकि ऊर्ज़ा दक्षता में सुधार के प्रति निवेश का लाभ अल्पावधि में ही प्राप्त हो जाता है|
ऊर्जा लेखापरीक्षा
किसी संस्थान में ऊर्जा लेखापरीक्षा (एनर्जी ऑडिट), ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम आरंभ करने की दिशा में एक प्रारंभिक गतिविधि है। इसमें वे गतिविधियां शामिल हैं, जिसमें मुख्यतः ऊर्जा बचत कार्यक्रम के विकास के लिए संरक्षण अवसरों की पहचान की जाती है।
क) ऊर्जा लेखापरीक्षा की भूमिका
सही ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम आरंभ करने के लिए उन क्षेत्रों / प्रक्रियाओं की पहचान की जाती है जो आवश्यकता से अधिक ऊर्जा खपत करते हैं। इसमें, हमारे दिन-प्रतिदिन के प्रचालनों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता के अतिरिक्त, प्रतिस्थापन / संशोधन का सुझाव देने के लिए बाजार में ऊर्जा दक्षता उपकरणों की उपलब्धता के ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। लेखापरीक्षा, एक तकनीकी वाणिज्यिक गतिविधि है, जिसमें 50 प्रतिशत समय सटीक और आधारिक तथ्य की पुष्टि हेतु व्यापक माप करने में तथा शेष 50 प्रतिशत समय विश्लेषण और सिफारिश में लगता है।
ख) लेखापरीक्षा की सामग्री
एक ऊर्जा लेखापरीक्षा में, पिछले तथ्य की समीक्षा, माप, आकलन और अंत में ऊर्जा संरक्षण के लिए कार्य योजना शामिल होती है। ऐसा करने में, यह ऊर्जा के उपयोग को नियंत्रित करने और परिवर्तनों को लागू करने के लिए प्रबंधन संरचना की प्रभावशीलता का आकलन करता है। ऊर्जा लेखापरीक्षा से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार होती है, जिसमें सामान्य रूप से निम्नलिखित शामिल होती है।
1 ऊर्जा उपयोग का विश्लेषण
परिसर/संयंत्रों/प्रतिष्ठानों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए ऊर्जा उपयोग का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है। ऊर्जा उपयोग का विश्लेषण, आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। समयावधि में ऊर्जा बचत के रूप में, बचत के दृष्टिकोण से, प्रतिस्थापन के लिए उत्तम ऊर्जा दक्षता उपकरण की पहचान करने हेतु विश्लेषण के लिए बाजार में उपलब्ध ज्ञान का उपयोग किया जाता है।
2 ऊर्जा परियोजनाओं की पहचान
ऊर्जा बचत के अवसर की श्रेणी सरलतम जैसे पुराने बिजली के उपकरणों को नए उपकरणों से बदलने से लेकर सबसे जटिल जैसे सह उत्पादन संयंत्रों की स्थापना तक हो सकती है। ऊर्जा लेखापरीक्षक समूह उन परियोजनाओं की पहचान करते हैं, जो लागत प्रभावी होते हैं तथा वे उनके क्रियान्वयन के संभावित स्रोतों का भी सुझाव देते हैं।
3 लागत लाभ विश्लेषण
ऊर्जा संरक्षण के अवसर प्रदान करने वाले क्षेत्रों के आधार पर, तकनीकी आर्थिक विश्लेषण किया जाता है, जो कि वित्तीय रूप से व्यवहार्य है और उनकी पर्याप्त अर्जन अवधि है। पूंजी निवेश के लिए आंतरिक अर्जन दर (IRR) और शुद्ध नकदी प्रवाह की गणना वित्तीय व्यवहार्यता का मूल्यांकन किया जाता है। परियोजना के क्रियान्वन की लागत बनाम लाभ, जो कि प्राप्त किया जा सकता है, के संदर्भ में वैकल्पिक विश्लेषण किया जाता है। उदाहरण के लिए, बेकार ऊष्मा को प्राप्त करने के लिये ऊष्मा प्लेट एक्सचेंजर की स्थापना हेतु गणना, स्थापना की कुल लागत तथा अपशिष्ट गर्मी को प्राप्त करने की बचत की पहल के साथ तुलना के आधार पर की जाती है। इससे यह पता लगता है कि यदि परियोजना से शुद्ध सकारात्मक लाभ है, तो परियोजना के साथ जाया जा सकता है ।
4 क्रियान्वयन प्राथमिकता निर्धारित करने के लिए कार्य योजना
लागत लाभ विश्लेषण के उपरांत, एक कार्य योजना विकसित की जाती है ताकि अवसरों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। कार्य योजना में क्रियान्वयन के लिए उपयुक्त समय के साथ, अवसर को क्रियान्वित करने के सभी प्रमुख कदम शामिल होते हैं।
पावरग्रिड की ऊर्जा दक्षता सेल - पावरग्रिड की ऊर्जा दक्षता में विशेषज्ञता
पावरग्रिड में बीईई द्वारा प्रमाणित 42 ऊर्जा लेखापरीक्षक एवं ऊर्जा प्रबंधक और 6 पेशेवर ऊर्जा प्रबंधक (एमबीए - ऊर्जा प्रबंन) हैं।
स्थापना के समय से ही, पावरग्रिड न्यूनतम हानियों के साथ, ऊर्जा दक्षता पारेषण प्रणालियों का डिजाइन तैयार करने के प्रति जागरूक रहा है। पावरग्रिड पारेषण प्रणाली में, संचरण हानि लगभग 3 प्रतिशत के आसपास है, जो कि वैश्विक मानकों के बराबर है। पारेषण सेक्टर में मॉडल के रूप में स्थापित करने के लिए तथा सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के उद्देश्य से, पावरग्रिड ने अपने उपकेन्द्रों की तीसरे पक्ष से भी लेखापरीक्षा कराई है तथा, सिफारिशों को क्रियान्वित किया है।
पावरग्रिड में एक समर्पित ऊर्जा दक्षता सेल है जो ऊर्जा दक्षता से संबंधित कार्य करता है। समर्पित कर्मचारी, ऊर्जा लेखापरीक्षा के क्षेत्र में समर्पित होकर कार्य करता है तथा नवीनतम घटनाओं से अवगत रहता है। बचत का मूल्यांकन करने के लिए आधुनिक और परिष्कृत उपकरणों का इस्तेमाल करता है। पावरग्रिड ने विभिन्न सेक्टरों की लेखापरीक्षा करने के लिए मानक प्रक्रिया एवं मानदंड विकसित किए हैं। भारत सरकार की ऊर्जा सरंक्षण पहल में, अपना योगदान देने के लिए ऊर्ज़ा दक्षता समूह द्वारा नियमित रूप से विभिन्न सेक्टरों की लेखापरीक्षा की जाती है।
ऊर्जा दक्षता के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, पावरग्रिड नमूने के तौर पर राज्य पारेषण कंपनियों के एक उपकेन्द्र में ऊर्जा लेखापरीक्षा भी कर रहा है। यह प्रयास होगा कि सभी पारेषण कंपनियां निरंतर ऊर्जा दक्षता मार्ग का अनुसरण करें तथा ऊर्जा अपव्यय को कम करें।
पावरग्रिड ने विद्युत पारेषण और वितरण प्रणाली, भवन एवं उद्योगों के क्षेत्रों में ऊर्जा लेखापरीक्षा करने की क्षमता का निर्माण किया है। पावरग्रिड ने अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए, ऊर्जा लेखापरीक्षकों, जिन्हें विस्तृत ऊर्जा सेक्टर अर्थात् थर्मल स्टेशनों, इस्पात, सीमेंट, कपड़ा, कागज, एल्यूमीनियम और रासायनिक सेक्टर में विशेषज्ञता प्राप्त है, को नियोजित किया है।
http://www.powergridindia.com/_layouts/PowerGrid/User/energyefficiency.aspx?LangId=Hindi
केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) - ऊर्जा दक्षता तथा पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा प्रभाग (ईआरईडी)
http://www.cpri.in/hindi/about-us/about-cpri.html
ऊर्जा परीक्षाओं को सम्पन्न करने और ऊर्जा प्रबंधकों को प्रशिक्षित करने के लिए व्यापक व्यवस्था, परिकलनीय सुविधाएँ व अर्ह इंजीनियरों की टीम ईआरईडी में उपलब्ध है। हमने दो से भी अधिक दशकों से विभिन्न ग्राहकों के लिए ऊर्जा परीक्षा तथा ऊर्जा संरक्षण सेवाएँ प्रदान की है तथा अनेक ऊर्जा गहन उद्योगों, ताप शक्ति केंद्रों (टीपीएस), जल शक्ति केंद्रों, तेल रिफाइनरीस, पत्तन न्यासों, प्रशीतलन एवं वातानुकूलक संयंत्रों और इमारतों, आदि में परीक्षा सम्पन्न की है। इन सेवाओं में विद्युत क्षेत्र के जनन, वितरण और उपयोगिता खण्ड शामिल हैं। ईंधन खण्ड़ भी इसमें शामिल है। .
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), नई दिल्ली द्वारा ताप शक्ति संयंत्रों, प्रक्रिया उद्योगों, इमारतों और वाणिज्यिक संस्थापनों में ऊर्जा परीक्षा सम्पन्न करने के लिए ईआरईडी को प्रत्यायित किया गया है। सीपीआरआई की टीम में अनेक बीईई प्रमाणित तथा विदेश प्रशिक्षित ऊर्जा परीक्षक हैं। ऊर्जा संरक्षण व विकास प्रभाग आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित है ।
परीक्षण सेवाएँ :
निर्माताओं के विनिर्देशों के मुताबिक एलईडी लैम्पों का परीक्षण
निर्माताओं के विनिर्देशों के मुताबिक एनर्जी सेवरों का परीक्षण
एमएनआरई विनिर्देशों के मुताबिक सौर पीवी लालटेनों तथा घरेलु प्रदीपन प्रणालियों का परीक्षण
सड़क दीप नियंत्रकों का प्रयोगशाला तथा क्षेत्र परीक्षण
प्रकाशवोल्टीय विद्युतप्रतीपकों का प्रयोगशाला व क्षेत्र परीक्षण (जल्दी ही प्रारंभ किया जाएगा)
जीवाश्म साधनों तथा काष्ठ दहन स्टोव का परीक्षण
प्रतीपकों को मिलाकर विद्युत परिवर्तित्र का परीक्षण
प्रशिक्षण :
ऊर्जा दक्षता, पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी, वितरण हानि कटौति, माँग पक्ष प्रबंधन, सुरक्षा व ऊर्जा अंकेक्षण में प्रशिक्षण कार्यक्रम। 30 से अधिक कार्यक्रम आयोजित। ड्रम के अंतर्गत 450 से भी अधिक वितरण इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया गया है।
सुरक्षा प्रमाणन पाठ्यक्रमों के अंतर्गत, प्रथमोपचार प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं आग व सुरक्षा कार्यक्रम, 150 से अधिक व्यक्ति प्रशिक्षित।
अध्ययन:
ताप शक्ति केंद्रों, जल शक्ति केंद्रों, प्रक्रिया उद्योगों, वैद्युत नेटवर्क और उप केंद्रों का पुनर्नवीकरण और आधुनिकीकरण; 20 संयंत्रों का अध्ययन किया गया तथा हार्डवेयर के रन/मरम्मत/पुनःस्थापन पर लागत बचत की संस्तुतियाँ। प्रौद्योगिकी उन्नयन तथा सामग्री उन्नयन भी शामिल हैं।
http://www.cpri.in/hindi/about-us/departmentsunits/energy-efficiency-and-renewable-energy-division-ered.html
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